●स्वास्थ्य विभाग पूरे जून माह को मनाएगा मलेरिया रोधी माह
●हर रविवार होगा मच्छरों पर वार
नवलजी, बलिया (उत्तरप्रदेश)
०१ जून २०२३:
मलेरिया के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से पूरे जून माह को मलेरिया रोधी माह के रूप में मनाया जायेगा। इस दौरान जनसमुदाय को मलेरिया के बारे में जागरूक किया जाएगा।साथ ही जिला मुख्यालय से लेकर सुदूर ग्रामीण अंचलों तक विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने दी।उन्होंने बताया की मलेरिया से बचाव एवं नियंत्रण के लिए जनसमुदाय की भागीदारी बहुत जरूरी है। इस क्रम में मलेरिया निरीक्षक, आशा, आशा संगीनी, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, बेसिक हेल्थ वर्कर, सी एच ओ के माध्यम से जन जागरूकता रैली, गोष्ठी, बैठक व कार्यशालाओं के आयोजन के साथ ही मलेरिया से बचाव संबंधी पम्पलेट एवं अन्य प्रचार सामग्री का भी वितरण किया जाएगा।
सार्वजनिक स्थलों पर मलेरिया से बचाव संबंधी स्लोगन भी लिखवाए जाएंगे। जनसमुदाय को मच्छर के प्रजनन वाले स्थानों जैसे कि जल पात्रों को खाली कराने, कूलर, पानी की टंकी, गमले एवं गमले के नीचे रखे प्लेट, पशु-पक्षियों के पानी पीने के पात्र, छत पर पडे कबाड़, पुराने टायर अनुपयोगी पात्र, सामग्री को समाप्त किये जाने के व्यवहार परिवर्तन के सम्बन्ध में लोगों को जानकारी दी जाएगी। जागरूकता कार्यक्रमों से “हर रविवार मच्छर पर वार, लार्वा पर प्रहार, मलेरिया का संहार’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा मलेरिया के संभावित मरीजों की जांच कराई जाएगी साथ ही आशा, एएनएम, सीएचओ व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का प्रशिक्षण देकर कर ग्राम स्तर पर मलेरिया रोगी की पहचान करते हुए उसे उपचार के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने का काम किया जायेगा।
क्या है मलेरिया
मलेरिया बीमारी मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है।ये मच्छर रुके हुए पानी में पनपते है। अधिकतर ये मच्छर सूर्यास्त के बाद ही काटते हैं।मनुष्य के शरीर में मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने पर मलेरिया के परजीवी प्रवेश कर जाते है।जिससे बुखार सहित अन्य लक्षण दिखाई देते है।
मलेरिया के लक्षण –
– ठंड व कंपन के साथ बुखार आना, निश्चित समय के बाद उतर जाना।
– तेज सर दर्द, बुखार उतरने के समय अधिक पसीना आना।
- थकान ,चक्कर आना, शारीरिक कमजोरी आना।
- उल्टी या मितली का होना
- थोड़ी-थोड़ी देर में प्यास का लगना, हाथ व पैर में ऐंठन होना
- समय से जांच व इलाज न कराने पर खून की कमी हो सकती है।
मच्छरों से बचने के लिए करें उपाय –
-रुके हुए पानी के स्थानों को मिट्टी से भर दे। या जला हुआ मोबिल डाल दे।
-गमलों, छत पर पड़े पुराने टायर, प्रयोग में न आने वाली सामग्री में पानी को एकत्र न होने दें,
-कूलर का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदल दे।
-घर के आस-पास जल एकत्रित न होने दें।
-सोते समय मच्छरदानी, मच्छररोधी क्वायल का प्रयोग करें,
-पूरी आस्तीन के कपड़े पहने जिससे शरीर के अधिक से अधिक हिस्से को ढक कर रखा जाए और मच्छरों से बचाव किया जाए।
- कोई भी बुखार मलेरिया बुखार हो सकता है। अतः बुखार की स्थिति में तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जांच एवं इलाज कराएं।
- खुद से या झोलाछाप डॉक्टर से इलाज न कराएं।
क्या है जिले का डाटा
जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि 2019 मे मलेरिया के 2 केस रिपोर्ट हुए थे। 2020 और 2021 मे एक भी केस रिपोर्ट नही हुआ था। 2022 मे एक केस रिपोर्ट हुआ था।
1 जनवरी 2023 से अब तक 41459 लोगों की मलेरिया जांच की गई जिसमें से 2 लोग मलेरिया धनात्मक पाए गए। जनपद में अब तक मलेरिया से किसी की मृत्यु नहीं हुई है।
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